वरुण मुद्रा ( पानी की मुद्रा )
तरीका:
अन्य तीन अंगुलियों से बढ़ाकर साथ छोटी उंगली के टिप अंगूठे की नोक छू लेती है।
विशेषता:
यह पानी की मात्रा संतुलन और सभी रोगों जो पानी की कमी के कारण आने से रोकता है।
समय अवधि:
यह कोई विशेष समय अवधि है और अपने समय के अनुसार यह अभ्यास कर सकते हैं।
लाभ:
ओ यह शरीर में पानी की मात्रा संतुलन द्वारा रक्त में स्पष्टता बरकरार रखती है
ओ आंत्रशोथ और स्नायु सिकुड़न का दर्द रोकता
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